लखनऊ के ईको गार्डन में बीएड टी.ई.टी का धरना अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में आज पांचवे दिन भी अनवरत जारी है हाँलाकि पिछली 8, 9 व 10 सितम्बर को प्रदेश भर से आये अचनयनित सरकार के सामने शक्ति प्रदर्शन कर अब वापस लौट चुके हैं। मगर ये वापसी डिप्टी CM दिनेश शर्मा से मीटिंग के बाद निकले नतीजे पर निर्भर करती है।
इधर बीएड टीईटी 2011अचयनित एसोसिएशन के लखनऊ जिलाध्यक्ष अखिलेश शंकर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि अतिव्यस्तता के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से संगठन को आज मुलाकात के लिए समय नहीं मिल पाया मगर कल 14 सितम्बर शाम 06बजे के बाद मीटिंग सम्भव है।
इससे पहले बीएड टेट 2011 अचनयनित बेरोजगार एशोसिएशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने मीडिया द्वारा पूँछे गए एक सवाल का ज़बाब देते हुए कहा कि हम सभी ने शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करके आज से 3 साल पहले 2012 के विज्ञापन पर बनी कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग सरकार के समक्ष रख दी है अब सरकार के पाले में गेंद है कि वो चाहे तो ओवरएज हम सभी अचयनितों के लिए बीच का रास्ता निकाल सकती है अगर ऐसा नहीं होता तो आगे उग्र आंदोलन के द्वारा हम सभी इससे भी ज्यादा की संख्या में एकत्रित होकर विधानसभा का घेराव कर सरकार के ख़िलाफ़ आरपार की लड़ाई छेड़ देंगे।
सुनील यादव ने कहा एक समय था जब भाजपा 2017 से पहले सत्ता में नहीं थी तब भाजपा के वर्तमान डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने हमारे आंदोलन में प्रतिभाग किया था साथ ही आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार सत्ता में लाओ हम आप सभी को नियुक्ति देंगे मगर चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने हम अचयनितों से वादाखिलाफी की है।
बीएड टी ई टी 2011 संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव ने अचयनितों से दो टूक कहा कि मुझे प्रदेश सरकार से कोई उम्मीद नहीं कि इन्होंने बीएड टेट पर किसी प्रकार की कोई भी रिपोर्ट तैयार की है इसलिए पूर्व में कोई अचयनित ऐसी आशा भी न करे कि शासन द्वारा कोई रिपोर्ट जारी होगी।
संगठन द्वारा चयनित प्रतिनिधिमंडल ही मिलेगा CM या डिप्टी CM से
सुनील यादव ने कहा संगठन द्वारा चयनित प्रतिनिधिमंडल जब डिप्टी CM या फिर CM योगी से मुलाकात करेगा तब केवल लिखित रिपोर्ट की ही मांग करेगा मौखिक कोई आश्वासन संगठन के प्रतिनिधि मंडल को स्वीकार नहीं होगा।
प्रदेश सरकार के कहने पर संगठन ने इलाहाबाद के सीनियर एडवोकेट अशोक खरे से 25 जुलाई 2017 के आदेश की ड्राफ्टिंग कराकर प्रदेश सरकार को सौंपी थी जिसमें स्पष्ट था कि पूर्व में हुये अंतरिम आदेशों सहित 7 दिसम्बर 2012 के विज्ञापन पर सरकार नियुक्ति दे सकती है बावजूद यूपी सरकार ने इस पर कोई निर्णय तब भी नहीं लिया इसलिए संगठन सरकार को कोई भी अतिरिक्त समय कमेटी प्रबन्धन द्वारा रिपोर्ट सौंपने के लिए या फ़िर न्याय विभाग से रिपोर्ट मंगाने के लिए नहीं देगा।सरकार को यह प्रकरण नहीं पता इस पर भी संगठन अतिरिक्त समय नहीं देगा।
संगठन का उद्देश्य पारदर्शी है जिसमें सरकार को केवल नियुक्ति की मोहर लगानी है।सरकार द्वारा अगर नियुक्ति नहीं मिलती तो प्रदेश सरकार बेरोजगारों का लखनऊ में एक बार फ़िर से शक्ति प्रदर्शन देखेगी और इस बात ये प्रदर्शन आर पार की लड़ाई का होगा।