भारतवर्ष में हजारों टैलेंट छुपे हुए हैं जिनकी वजह से लोगों को धोखाधड़ी, सरकार को चपत लगाने का काम बखूबी निभाते हैं। जब से डिजिटल इंडिया बना है तब से ऑनलाइन गेम खेले जा रहे हैं, किसी ना किसी को किसी बातों मैं भास्कर झूठी कहानी बता कर लालच देकर लोगों को उल्लू बनाया जाता है, और लोग इस जालसाज झांसे में फंस जाते हैं ऐसी ही घटना सहारनपुर में हुई रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ चन्नप्पा ने बताया कि नुमाइश कैंप स्थित एक मकान में करीब 8 से 10 लोगों के फर्जीवाड़ा करने की सूचना मिली।
मौके पर पहुंची पुलिस ने इन लोगों को अरेस्ट कर लिया। गैंग में शामिल महिला मुमताज उर्फ छम्मकछल्लो जरूरतमंद लोगों को विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का झांसा देकर उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो आदि से सिम कार्ड जारी करा लेती थी। इस काम के लिए महिला को प्रति सिम 1000 रुपये मिलते थे।
गैंग उस सिम पर पेटीएम का केवाईसी अपडेट कर सिम अपने पास रख लेता था। इसके बाद सिम कार्ड को दिल्ली में रहने वाले गैंग के साथियों के पास भेज दिया जाता था। एसएसपी ने बताया कि 1 सिम कार्ड के हिसाब से आरोपियों को 5800 रुपये मिलते थे। यह गैंग कंप्यूटर की सहायता से नाम और आधार नंबर बदलकर फर्जी आधार कार्ड भी तैयार करता है। सिम कार्ड के आधार पर जारी हुए पेटीएम का इस्तेमाल मैच पर सट्टा लगाने सहित तमाम गलत कामों में किया जाता है।
पकड़े गए आरोपियों के पास से एक कंप्यूटर, थम्ब स्कैनर, एक प्रिंटर, 24 मोबाइल फोन, 664 सिम कार्ड, दो रजिस्टर, सिम कार्ड धारकों का डाटा, 4 लाख 50 हजार की नकदी, 19 आधार कार्ड, 16 आधार कार्ड की छाया प्रतियां, चार पेटीएम डिवाइस, 20 बार कोड, एक मोहर और तीन बैग बरामद हुए हैं। ऐसी वारदातें होने से लोगों में हमेशा सरकार जागरूकता का कार्य करती रहती है फिर यह लोग हथकंडे आजमा कर लोगों को चपत लगाते रहते हैं लोग जागरुक नहीं हो पा रहे