72825 शिक्षक भर्ती में रिक्त रह गए 6170 पदों पर शिक्षक भर्ती की बहुप्रतीक्षित केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में दोपहर 12:00 बजे तक हो सकती है। गत 9 दिसंबर को इसी केस की सुनवाई कोर्ट के लंच के बाद ना बैठने के कारण टल गई थी।
रिक्त 6170 पदों पर भर्ती के मजबूत महत्वपूर्ण बिंदु..
72825 शिक्षक भर्ती की शेष 6170 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और याचियों के बीच लंबे समय से रार ठनी है। जहां हाईकोर्ट की सिंगल बेंच 6170 पदों पर 2 महीने के भीतर भर्ती करने का आदेश सरकार को दे चुकी है वहीं सरकार 6170 पदों को 68500 शिक्षक भर्ती में जोड़ देने का झूठा हलफनामा देकर विराम लगा चुकी है।
अवशेष 6170 शिक्षक भर्ती के पदों पर ऐसे कई मोड़ और पेंच फंसे हैं जिससे यह भर्ती उतार-चढ़ाव के बीच फंसी हुई है। सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए हलफनामे की सच्चाई को जानने के लिए याचियो ने सूचना के अधिकार के तहत एससीईआरटी से यह सूचना मांगी कि रिक्त 6170 पदों को 68500 की भर्ती में जोड़ा गया या नहीं तब जवाब आया “नहीं।”
अब प्रश्न यह उठता है कि जब 6170 पदों को 68500 शिक्षक भर्ती में जोड़ा ही नहीं गया तब सरकार ने कोर्ट में झूठा हलफनामा क्यों दिया। मतलब साफ है कि सरकार इन पदों पर शिक्षक भर्ती करने के लिए राजी नहीं है।
मेरठ निवासी वेद कुमार निमेष ने मिली आरटीआई के आधार पर हाई कोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर करके सरकार को नोटिस कराया कि क्यों सरकार ने झूठा हलफनामा कोर्ट में दिया जबकि आरटीआई के अनुसार रिक्त पदों को किसी भी भर्ती में नहीं जोड़ा गया।
हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा सरकार से झूठे हलफनामे पर प्रश्न पूछा जाता उससे पहले वेद प्रकाश निमेश व अन्य के द्वारा दायर की गई याचिका के साथ केस से इतर याचिकाओं को कनेक्ट करते हुए मुख्य केस को ही खारिज कर दिया गया। जबकि कोर्ट की सुनवाई में कोर्ट द्वारा सरकार के झूठे हलफनामे पर प्रश्न पूछना था।
यह विदित है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद के द्वारा दिए गए 6170 पदों को जोड़ने वाले हलफनामे पर कोर्ट के समक्ष कोई जवाब नहीं लगाया। जो अपने आप में कोर्ट को गुमराह करने की तरफ इशारा करता है।
सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई लड़ रहे मुख्य याचिकाकर्ता वेद कुमार निमेष ने बताया कि हम एक बार पुनः हाईकोर्ट की सिंगल बेंच और डबल बेंच में अधूरे रह गए सभी प्रश्नों का जवाब उत्तर प्रदेश सरकार से जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं । हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि हमारे केस की बारीकियों को जज महोदय के द्वारा सुना जाएगा और सरकार को नोटिस इशु कराया जाएगा।
72825 रिक्त 6170 पदों से जुड़े याचियों के मन में कल को लेकर हो रही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की बेसब्री से प्रतीक्षा है। याचियो का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हमारी बातों को सुनकर हमें न्याय मिलता है तो हम सभी पीड़ित अभ्यर्थियों के दुख का अंत होगा। सभी याचियों की नजर सुप्रीम कोर्ट में कल होने वाली सुनवाई पर लगी है।