High court order in 69000 teacher recruitment: उत्तर प्रदेश में दो साल पहले संपन्न हुई 69 हजार सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण विसंगति मामले का विवाद खुलकर उभर कर सामने आ गया है।इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सालों चली सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को आरक्षण विसंगति मामले में झटका देते हुए सोमवार को 69000 शिक्षक भर्ती चयन सूची को रद्द कर दिया।
69000 Shikshak Bharti: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दोहरा झटका देते हुए न्यायमूर्ति शुक्ला ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य के अधिकारियों ने आरक्षण तय करने में कई ‘अवैध’ काम किए हैं जिसके चलते आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के प्राप्तांकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं दिखाई दी और इसके लिए राज्य के अधिकारियों की ओर से कोई प्रयास भी नहीं किया गया।
69000 teacher recruitment selection list canceled: हाई कोर्ट द्वारा 69 हजार अध्यापक शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार को निर्देश दिया गया कि प्रदेश सरकार 1 जनवरी 2020 को जारी चयन सूची का तीन महीने के अंदर पुनः रिव्यू करे साथ ही कोर्ट ने आरक्षण विसंगति मामले के बाद सरकार द्वारा 5 जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द भी कर दिया है।
High court order in 69000 teacher recruitment: कोर्ट ने कहा कि रिव्यू करते समय सरकार को ध्यान रखना होगा कि आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा न हो। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने 117 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया है।
69000 teacher recruitment latest update 2023: हाईकोर्ट के द्वारा अगले तीन महीने के अंदर समीक्षा कर समुचित आरक्षण तय करने के आदेश के साथ 2019 में संपन्न 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद एक जून 2020 को जारी चयन सूची को रद्द कर दिया गया इसके अलावा कोर्ट ने आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त सरकार द्वारा 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया।
Latest order of High Court in 69000 teacher recruitment: हाईकोर्ट ने मुख्य चयन सूची रद्द करने का आदेश देते हुए सरकार को भर्ती प्रक्रिया में तय आरक्षण की समीक्षा कर चयन सूची में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं।हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में पहले से नियुक्त और फिलहाल ATRE 2019 के आधार पर अलग-अलग जिलों में तैनात शिक्षक अपना काम चयन सूची के संशोधित होने तक जारी रखेंगे।
What did the High Court say in the recruitment of 69000 teachers? चयन सूची की समीक्षा में हटाए जा सकने वाले शिक्षकों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि एक जून, 2020 की चयन सूची की समीक्षा के परिणाम स्वरूप होने वाले संशोधन के बाद पद से हटाए जाने वाले शिक्षकों के समायोजन के लिए भी एक नीति पहले से तैयार कर लें।
कोर्ट ने कहा कि 69000 सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए ऐसे शिक्षक जो कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, उनकी सेवा में किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप ना किया जाएं। उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। चाहे वे आरक्षित श्रेणी के हों या अनारक्षित श्रेणी के।
गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती में जारी चयन सूची में राज्य के अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण विसंगति मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं ने आरक्षण की शुद्धता और 6800 शिक्षकों की नियुक्ति की वैधता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
Reservation case in 69000 thousand teacher recruitment: 69000 सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती में याचियों के अधिवक्ता दीपक सिंह ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमावली का सही से पालन न होने की बात को कोर्ट के समक्ष उठाया था। अधिवक्ता दीपक सिंह ने कोर्ट को बताया कि 65% से ज्यादा अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग में चयनित 18988 अभ्यर्थियों को आरक्षित श्रेणी में ही रखा गया।इन अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी की सूची में शामिल नहीं किया गया जो आरक्षण नियमावली का उल्लंघन था। इससे आरक्षित श्रेणी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका।