ग्रांट की कमी के चलते बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के लाखों शिक्षकों को माह अक्तूबर का वेतन अभी नहीं मिल सका है।समय पर वेतन न मिल पाने की वजह से शिक्षकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें पड़ गयी। इससे पहले तक शिक्षकों का वेतन हर माह की 5 तारीख या इससे पहले तक आ जाता है हाँलाकि वेतन की सबसे ज्यादा दिक्कत माह फरवरी मार्च अप्रैल के महीनों में होती है क्योंकि उस वक़्त वेतन से टैक्स कटने की प्रक्रिया भी जनपद स्तर से गतिमान होती है जिसमें वेतन आने में विलंब होता है।
गौरतलब है कि कार्यालय स्तर से विभाग शिक्षकों के वेतन बिल की तमाम औपचारिकताएं लगभग पूरी करने का दावा कर रहा है और ग्रांट जारी होते ही शिक्षकों को वेतन भुगतान करने की भी बात कर रहा है लेकिन देखना ये है कि इस दावे में कितनी सच्चाई है और विभाग कितना अपने वादे पर खरा उतरता है।
शिक्षा विभाग में पिछले कुछ वर्षो में वेतन भुगतान समय पर हो इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वेतन बिल एवं अन्य कार्य की समयसारिणी भी तय है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को तो हर महीने एक से तीन तारीख के बीच ही भुगतान मिल जाता है, वहीं कार्यरत शिक्षकों को भी पहले सप्ताह में भुगतान दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन ग्रांट जारी न होना शासन स्तर की प्रक्रिया के अधीन है लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसी सप्ताह शासन से ग्रांट जारी हो जाएगी क्योंकि विभाग की ओर से शासन से ग्रांट की मांग की जा चुकी है।