प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत की. इस दौरान PM मोदी ने कहा, ‘देश में चल रहा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है. ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है. इसमें फेसलेस एसेसमेंट, अपील और टैक्सपेयर चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं. फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर चार्टर आज से ही लागू हो गए हैं. फेसलेस अपील 25 सितंबर यानी दीनदयाल उपाध्यान जन्मदिवस से देशभर में लागू हो जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि देश में चल रहा संगठनात्मक बदलाव का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है.
At 11 AM on Thursday, 13th August, the platform for “Transparent Taxation – Honoring the Honest” would be launched. This adds strength to our efforts of reforming and simplifying our tax system. It will benefit several honest tax payers, whose hardwork powers national progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2020
अब कर प्रणाली फेसलेस हो रही है, यह करदाता के लिए निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला है. कर मामलों में बिना आमना-सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी. अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये फेयरनेस और फीयरलेसनेस का विश्वास देने वाला है.’
देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका
PM मोदी ने आगे कहा, ‘देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है. पिछले कुछ साल में करीब 1500 कानून खत्म किए गए हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 134वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है. कोरोना के दौरान रिकॉर्ड FDI का आना इसका उदाहरण है.’
पीएम मोदी ने कहा कि कि गलत तौर-तरीके सही नहीं है और छोटे रास्ते नहीं अपनाना चाहिए. हर किसी को कर्तव्यभाव को आगे रखते हुए काम करना चाहिए. पीएम ने कहा कि पॉलिसी स्पष्ट होना, ईमानदारी पर भरोसा, सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग, सरकारी मशीनरी का सही उपयोग करना और सम्मान करना. पहले रिफॉर्म की बातें होती थीं, कुछ फैसले मजबूरी-दबाव में लिए जाते थे जिससे परिणाम नहीं मिलता था. उन्होंने कहा कि आज देश में रिफॉर्म लगातार किया जा रहा है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश आगे बढ़ा रहा है. कोरोना संकट में भी देश में रिकॉर्ड एफडीआई का आना इसी का उदाहरण है. पीएम ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा, ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई. इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा.
उन्होंने आगे कहा, ‘अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है. यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की डिग्निटी का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा. अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता. वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी. वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है. यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है. इसका कम होना बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘बीते 6 वर्षों में भारत ने टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में गवर्नेंस का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है. अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है. स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है. टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है.’
उन्होंने कहा, ‘इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है, लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं. जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी. आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें.’