वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से ऐसे अधिकारी तैयार करने को कहा है, जो स्थानीय भाषाएं अच्छी तरह जानते हों. उन्होंने कहा कि भारतीय राज्य के स्वामित्व वाले ऋणदाताओं को बेहतर ग्राहक सेवा के लिए क्षेत्रीय भाषाओं पर ध्यान देने पर विचार करना चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां लोग हिंदी के साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं।
भाषा न जानने से होती है समस्या
बैंकों में भर्ती अखिल भारतीय आधार पर होती है, इसकी ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसे अधिकारियों की पोस्टिंग किसी गैर हिंदी भाषी राज्य के आंतरिक इलाके में होती है, तो वे स्थानीय भाषा में बातचीत नहीं कर पाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमें कई ऐसे मामलों की जानकारी मिली है, जहां शाखाओं के स्तर पर टकराव की स्थिति कई बार सिर्फ इसलिए बनी क्योंकि अधिकारी स्थानीय भाषाएं नहीं बोल पाते थे.’