Insurance: वरिष्ठ नागरिकों का स्वास्थ्य बीमा वापस लेने के विभिन्न कंपनियों के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बीमा कंपनियों को जमकर फटकार लगाई। उच्च न्यायालय ने कंपनियों को आखिरी मौका देते हुए कहा कि यदि अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल नहीं किया गया तो वरिष्ठ नागरिकों का बीमा समाप्त करने के निर्णय पर स्थाई तौर पर रोक लगा दी जाएगी।
याचिका दाखिल करते हुए विभिन्न वरिष्ठ नागरिकों की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि उन लोगों ने एक या दो दशक से स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी पॉलिसी विभिन्न कंपनियों से ली थी। जब उनकी आयु बहुत अधिक हो गई और उन्होंने क्लेम का लगातार दावा करना आरंभ किया तो बीमा कंपनियों ने उनकी पॉलिसी को समाप्त करने के नोटिस भेज दिए।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि यह नोटिस भेजने के बाद अब उनकी स्थिति बेहद खराब हो गई है। इस आयु में वे इस प्रकार का खर्चा कैसे उठा सकते हैं, जबकि उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। जब याचिकाकर्ता एक से दो दशक तक बीमा के प्रीमियम का भुगतान करते रहे हैं तो कैसे कंपनी अपना करार तोड़ सकती है। उच्च न्यायालय ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी याचिकाकर्ताओं की स्वास्थ्य बीमा योजना को समाप्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है।
इसके साथ ही न्यायालय ने बीमा कंपनियों को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि यदि अगली सुनवाई तक बीमा कंपनियों ने जवाब दाखिल नहीं किया तो ऐसे निर्देश जारी कर दिए जाएंगे कि किसी भी वरिष्ठ नागरिक का स्वास्थ्य बीमा समाप्त नहीं किया जा सकेगा।
याचिकाकर्ता तीन हफ्ते में जमा कराएं प्रीमियम
इसके साथ ही न्यायालय ने आदेश दिए हैं कि जिन याचिकाकर्ताओं ने बीमा कंपनियों के नोटिस के कारण अपनी पॉलिसी का प्रीमियम नहीं जमा कराया है, वे 3 सप्ताह के अंदर जमा कराएं। जिन भी याचिकाकर्ताओं ने प्रीमियम जमा करवा दिया है उनकी पॉलिसी को बीमा कंपनियां किसी भी स्थिति में अमान्य नहीं करेंगी।