दिवाली (Diwlai) के पहले सरकार ने लोगों को बड़ा तोहफा (Gift) दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 (Aatmanirbhar’ Package 3.0) का ऐलान किया है. इस नए राहत पैकेज में रोजगार, किसान, आम आदमी से लेकर इंडस्ट्रीज तक के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं. कोरोना वैक्सीन की रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए भी 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना का ऐलान किया, उन्होंने बताया कि आज की योजना से पहले रोजगार प्रोत्साहन योजना 31 मार्च 2019 तक लागू की गई थी, जिसमें कुल मिलाकर 8300 करोड़ रुपये के फायदे दिए 1 लाख 52 हजार संस्थाओं को मिले थे. सरकार अब एक दूसरी रोजगार योजना लागू कर रही है, जिसका नाम है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना.
इस योजना के तहत तहत लोगों को EPFO से जोड़ा जाएगा. वो लोग जो पहले EPFO मे रजिस्टर्ड नहीं थे और अब रजिस्टर्ड होंगे, इस स्कीम के दायरे में आएंगे. साथ ही वो लोग जिनकी जॉब 1 मार्च 2020 से लेकर 31 सितंबर 2020 के दौरान चली गई है, भले ही 1 अक्टूबर 2020 के बाद नई नौकरी मिल गई है, उन्हें भी फायदा मिलेगा. ये स्कीम 1 अक्टूबर से लागू होगी और 2 साल तक चलेगी.
1. इस योजना के तहत EPFO के अंतर्गत जो रजिस्टर्ड संस्थाएं हैं अगर नए रोजगार देती हैं तो उन्हें फायदा मिल पाएगा.
2. इसमें 50 से कम कर्मचारियों वाली संस्थाएं अगर 2 से ज्यादा लोगों को नया रोजगार देती है तो उनको स्कीम का लाभ मिलेगा
3. 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली संस्था को इस स्कीम का लाभ लेने के लिए 5 से ज्यादा कर्मचारी रखने होंगे
4. जो संस्थाएं.EPFO में जो रजिस्टर्ड नहीं हैं उन्हें लाभ नहीं मिलेगा, इसके लिए पहले उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, तभी फायदा मिलेगा
5. ये स्कीम 30 जून 2021 तक लागू रहेगी
सरकार उठाएगी PF का बोझ
इस योजना में दो कैटेगरी की कंपनियां शामिल हैं, पहली वो कंपनियां जिनमें 1000 से कम कर्मचारी हैं, कर्मचारी के हिस्से का 12 परसेंट PF का हिस्सा और कंपनी का 12 परसेंट केंद्र सरकार योगदान देगी, यानि पूरा 24 परसेंट का बोझ सरकार उठाएगी. दूसरी वो कंपनियां शामिल हैं जिनमें कर्मचारियों की संख्या 1000 से ज्यादा है. ऐसी कंपनियों में सरकार सिर्फ कर्मचारी का 12 परसेंट का हिस्सा देगी, संस्था को अपना हिस्सा खुद वहन करना होगा.
कंपनियो ंको ये छूट आने वाले 2 साल के लिए होगी. इस स्कीम के तहत ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की करीब 95 परसेंट कंपनियां कवर हो जाएंगी. ये बेनेफिट उन कर्मचारियों को ही मिलेगा जिनकी सैलरी 15,000 रुपये महीना से कम है. ये स्कीम 1 अक्टूबर 2020 से लागू मान जाएगी
MSME सेक्टर को और राहत
1– इमरजेंसी क्रेडिटलाइन गारंटी स्कीम, MSME के लिए शुरू की गई थी. जिसे बाद में बाकी सभी सेक्टर्स के लिए खोल दिया गया था. इस योजना के तहत सरकार को 20 परसेंट अतिरिक्त कार्यशील पूंजी देनी होती थी, जिसका फायदा 50 करोड़ रुपये और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली छोटी कंपनियों को मिल रहा था. अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. इस स्कीम का फायदा MSME, बिजनेस, प्रोफेशनल, व्यक्तिगत, मुद्रा के तहत लोन लेने वाले भी उठा सकेंगे. अबतक 61 लाख लोगों ने कर्ज लिया 2 लाख 5 हजार करोड़ रुपये सैंक्शन किया गया है.
2- इमरजेंसी क्रेडिटलाइन गारंटी स्कीम (ECLGS 2.0) को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. इस स्कीम का फायदा 26 डिस्ट्रेस्ड सेक्टर का फायदा उठा सकेंगे, जिसका जिक्र कामत कमेटी की रिपोर्ट में किया गया था. इस स्कीम की अवधि 5 साल की होगी.
इस स्कीम में ब्याज की दर को कैप किया था, ताकि ब्याज ज्यादा न बढ़े. ये 100 परसेंट गारंटीड स्कीम है.
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बूस्टर
मैन्यूफैक्चरिंग को सपोर्ट देने के लिए 1.46 लाख करोड़ के इनसेंटिव दिए जाएंगे. पहले 3 सेक्टर में लागू किया था. भारत में ही मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग हो इसके लिए 40,995 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. दवा बनाने के लिए कच्चा माल भी भारत में बने इसके लिए 6940 करोड़ रुपये की योजना लेकर आए हैं. मेडिकल डिवाइस के लिए 3420 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे हमारी इकोनॉमी को ताकत मिलेगी और रोजगार के मौके भी बनेंगे.
पीएम आवास योजना – शहरी
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 18,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, ये पहले के 8 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त रकम होगी. स्कीम के तहत 12 लाख घरों को बनाया जाएगा जबकि 18 लाख घरों को पूरा किया जाएगा. इससे 78 लाख से ज्यादा रोजगार के मौके पैदा होंगे. 25 लाख मीट्रिक टन स्टील और 131 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा, जिससे बाजार में डिमांड पैदा होगी.
हाउसिंग सेक्टर को नई ताकत
हाउसिंग के क्षेत्र में एक और बड़ा ऐलान किया गया है. अब घर बनाने वाले और घर खरीदने वाले दोनों को फायदा होगा. अक्सर देखा जाता है कि सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू में अंतर आता है, इनकम टैक्स एक्ट में 10 परसेंट का ही प्रावधान किया गया है. ज्यादातर लोग पहली बार घर खरीदने पर जो 10 परसेंट की छूट थी उसे बढ़ाकर 20 परसेंट कर दिया गया है.
यानी अगर कहीं प्रॉपर्टी का रेट गिर गया है लेकिन सर्किल रेट ज्यादा है तो वहां पर इसका फायदा होगा. लेकिन ये सिर्फ 2 करोड़ रुपये तक की कीमत के घरों के लिए ही है. ये स्कीम भी 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी. इससे रियल एस्टेट में बिना बिके घरों को बेचने में मदद मिलेगी, लोगों को सस्ते में घर मिल सकेंगे. इससे मिडिल क्लास जो घर खरीदना चाहता है उसका भी फायदा होगा और रियल एस्टेट कंपनी जो घर बेचना चाहती है उसको भी फायदा मिलेगा
किसानों के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी
किसानों को फर्टिरलाइजर सब्सिडी के रूप में 65000 करोड़ रुपये दे रहे हैं. 2016-17 में फर्टिलाइजर की खपत 500 लाख मीट्रिक टन थी, जो अब बढ़कर 673 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है, इससे ये पता चलता है कि फर्टिलाइजर की खपत में 17.8 परसेंट की बढ़ोतरी हो रही है. इस मदद से किसानों को फर्टिलाइज की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा